श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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20 दिसंबर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

निज गुन श्रवन सुनत सकुचाहीं ।
पर गुन सुनत अधिक हरषाहीं ।।
सम सीतल नहिं त्यागहिं नीती ।
सरल सुभाउ सबहि सन प्रीती ।।
( अरण्यकांड 45/1)
राम राम 🙏🙏
राम जी वन में सीता जी को खोजते हुए पंपा सरोवर पहुँचे हैं , वहाँ नारद जी आते हैं , राम नाम की श्रेष्ठता का वर मांगते हैं , फिर उन्होंने संतों के लक्षण पूछे हैं । राम जी कहते हैं कि जो अपना गुण सुनने पर सकुचाते हो , दूसरे के गुण सुनकर हर्षित होते हों, जो सम व शांत हों , नीति का त्याग न करते हो , स्वभाव सरल तथा सबसे प्रेम करते हो , वे ही संत हैं ।
राम जी ने संतों के जो भी गुण बताए हैं वह उन्हीं में पाया जाता है जो राम प्रेमी हैं , राम भजन में रत हैं । जो भी राम भजन करेगा , यह सब गुण उसमें आ जाता है और वह संत हो जाता है । अतएव! राम भज , राम भज , राम राम भज 🚩🚩🚩
तरूण जी लखनऊ

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