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गोरखपुर; रियल स्टेट कारोबारी की मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी को घटना की जानकारी मिली तो वह कानपुर के गोरखपुर के लिए निकल पड़ीं। इस दौरान रास्ते में जब भी मीनाक्षी का फोन बजता उनका तीन वर्षीय पुत्र अविराज मां से कहता कि पापा का फोन है, मुझसे बात करा दो। बीआरडी मेडिकल कालेज में मंगलवार दोपहर मीनाक्षी गुप्ता यह कहते हुए फफकने लगीं। उन्होंने कहा कि बेटे से कैसे बात कराती। उससे कैसे कहती कि बेटा तेरे पापा को गोरखपुर पुलिस ने मार डाला। अब तेरी बात तेरे पापा से नहीं हो सकती है। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे तक मनीष की पत्नी, उनके पिता, उनका पुत्र, मित्र दुर्गेश मेडिकल कालेज में पहुंच गए। मीनाक्षी ने गोरखपुर पुलिस के समक्ष तीन मांगें रखीं। उनके पति की हत्या करने वाले पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जाए। पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए घटना की कानूनी जांच की जाए और उनके भविष्य के विषय में विचार किया जाए।
तमाम कोशिशों के बावजूद स्वजन शव ले जाने को नहीं हुए तैयार
पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने को लेकर मनीष के स्वजन अड़े हुए थे। शाम करीब चार बजे वह पंचनामे के लिए राजी हुए। उसके बाद किसी तरह से मृतक का पोस्टमार्टम हुआ तो वह शव ले जाने के लिए राजी नहीं हुए। रात करीब साढ़े आठ बजे जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, एसएसपी डा.विपिन कुमार ताडा, एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी, एसपी साउथ एके सिंह, एएसपी राहुल भाटी आदि स्वजनों को मनाने में जुटे रहे, लेकिन वह मेडिकल कालेज से शव ले जाने को तैयार नहीं हुए।
इकलौते भाई के मौत से टूटीं बहनें
शाम करीब सात बजते-बजते मनीष की बहन निशा व शिवानी भी मेडिकल कालेज पहुंच गईं। वह अपने इकलौते भाई की मौत से टूटी हुई हैं। उनका कहना है कि ईश्वर ने उन्हें सिर्फ एक भाई दिया था, लेकिन गोरखपुर पुलिस ने वह भी हमसे छीन लिया। मृतक के पिता नंदकिशोर गुप्ता की कानपुर के विजयनगर में रेडीमेड कपड़े की दुकान है। नंदकिशोर ने बताया कि मनीष उनका खूब ख्याल रखते थे। सोमवार दोपहर उन्होंने फोन करके नंदकिशोर से पूछा था कि पापा आपने नाश्ता किया अथवा नहीं। उन्होंने बताया कि आठ वर्ष पूर्व उन्होंने बेटे की शादी की थी। तीन वर्ष पूर्व जब उसका बेटा हुआ तो लगा कि बेटा मेरी बराबरी का हो गया, लेकिन पुलिस ने उसके साथ बेहद नाइंसाफी की है। घटना को लेकर मनीष के ससुर मदन गोपाल गुप्ता व साले सौरभ गुप्ता का बुरा हाल है।
और नम हो गई एसपी साउथ की आंख;
बीआरडी मेडिकल कालेज पर एसपी साउथ एके सिंह मनीष की पत्नी से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान मनीष के पुत्र अविराज ने उसने सवाल किया कि अंकल मेरे पापा कहां हैं। इस पर एसपी साउथ की आंख भी नम दिखी।
इसी अकड़ ने ले ली मेरे पति की जान;
रात करीब नौ बजे पुलिस अधिकारी मीनाक्षी से बात करने के लिए पहुंचे थे। मीनाक्षी खड़ी होकर उनसे बातें कर रही थीं। इस दौरान किसी पुलिस अधिकारी ने मीनाक्षी से कहा कि क्या हम बैठ कर बातें नहीं कर सकते हैं। इस पर मीनाक्षी ने कहा कि उनका परिवार दिन भर मर्चरी हाउस के बाहर खड़ा और पुलिस पांच मिनट नहीं खड़ी हो सकी। इस पर पुलिस अधिकारी का लहजा थोड़ा तल्ख हुआ तो मीनाक्षी ने कहा कि इसी अकड़ ने उसके पति की जान ले ली।
जानिए कब क्या हुआ;
सोमवार सुबह आठ बजे- मनीष अपने दोस्तों के साथ गाेरखपुर पहुंचे और होटल कृष्णा पैलेस में गए।
सोमवार अपराह्न करीब तीन बजे- होटल में खाना खाया। उसके बाद रामगढ़ताल घूमने गए थे।
सोमवार रात करीब 10 बजे- मोहद्दीपुर स्थित अदालत ढाबा पर तीनों भोजन करने गए थे।
सोमवार रात 11.40 पर- मनीष व उसके दोनों दोस्त होटल में सोने गए।
रात करीब 12 बजे- रामगढ़ताल थाना पुलिस ने होटल का कमरा खुलवाया।
रात 12.13 बजे- पुलिस ने मनीष के स्थानीय दोस्त चंदन सैनी को फोन किया।
रात 12.15 बजे- मनीष ने कानपुर के एक मित्र को फोन किये।
रात 12.20 बजे- मनीष गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस उन्हें अपने साथ इलाज के लिए लेती गई।
रात 12.35 बजे- चंदन अपने साथियों के साथ होटल पहुंचे। उन्होंने 112 नंबर पर घटना की जानकारी दी।
रात डेढ़ बजे- चंदन अपने साथियों के साथ मेडिकल कालेज पहुंचे।
रात करीब 2.15 बजे- पुलिस मनीष को लेकर मेडिकल कालेज पहुंची।
रात 2.35 बजे- चिकित्सकों ने मनीष को मृत घोषित कर दिया।
इन पुलिस कर्मियों को किया गया है निलंबित;
प्रभारी निरीक्षक रामगढ़ताल जगत नारायण सिंह-फलमंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा
उपनिरीक्षक विजय यादव
उपनिरीक्षक राहुल देव
हेड कांस्टेबल कमलेश यादव
कांस्टेल प्रशांत कुमार।