करहल में योगी का तंज, बोले- मुलायम होशियार, वो जानते हैं अखिलेश हार रहे, इसलिए बेटे का नाम तक नहीं लिया

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नई दिल्ली करहल में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। बोले, करहल से सपा के जो प्रत्याशी हैं, वो जब नामांकन करने आए थे, तब बोले थे कि अब केवल सर्टिफिकेट लेने आऊंगा, लेकिन प्रोफेसर एसपी बघेल जी ने उन्हें पांच दिन में ही बुला लिया। योगी ने शिवपाल सिंह यादव का जिक्र करते हुए भी अखिलेश को आड़े हाथों लिया। बोले, बेचारे शिवपाल जो प्रदेश में मंत्री थे, यहां जनसभा में उसे बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं मिली। मुझे हंसी आ रही थी। कहां, ये प्रदेशभर में हजारों लोगों के साथ घूमते थे। नेताजी के सिपहसलार कहलाते थे। आज बैठने के लिए इन्हें कुर्सी का हत्था मिलता है। सीएम ने आगे कहा, नेताजी भी बहुत होशियार हैं। वो जानते थे कि यहां की जनता प्रोफेसर बघेल को जीता रही है। इसलिए वह अखिलेश का नाम नहीं लेना चाहते थे। कुछ लोग पीछे से बार-बार उनसे बोल रहे थे कि अखिलेश का नाम ले लें… लेकिन वो जानते ही नहीं थे कि यहां से कौन चुनाव लड़ रहा है। अब ये हालत हो गई है कि बाप अपने बेटे का नाम नहीं जानता। करहल में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी की करहल सीट में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। कहा, बुल्डोजर को मरम्मत करने के लिए भेज दिया है। 10 मार्च के बाद ये चलेगा। जिन लोगों की अभी गर्मी निकल रही है, वो 10 मार्च के बाद समाप्त हो जाएगी। योगी ने आगे कहा, मुझे मालूम चला है कि सपा के गुंडे जगह-जगह भाजपा के समर्थकों को धमकी दे रहे हैं। इन लोगों को बता देना चाहता हूं कि 10 मार्च तक का इंतजार कर लें। इसके बाद बुल्डोजर चलेगा। योगी बोले- 10 मार्च के बाद चलेगा बुल्डोजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा। योगी ने बोला, 10 मार्च के बाद उन लोगों पर बुल्डोजर चलेगा तो साढ़े चार साल बाद चुनाव के वक्त बाहर निकल रहे हैं। मैनपुरी में योगी ने सपा पर बोला हमला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगाया। कहा कि जब इनकी सरकार बनी थी तब इनकी संवेदनाएं गरीबों, किसानों, युवाओं के प्रति नहीं थी। ये आतंकवादियों के साथ थे। यही कारण है कि सरकार में आते ही इन्होंने सबसे पहले अयोध्या, काशी की मंदिरों, वाराणसी, लखनऊ और रामपुर में आतंकी हमला करने वालों आतंकवादियों का मुकदमा वापस लिया।

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