होली पर ब्रज में भारी भीड़: वृंदावन में तबीयत बिगड़ने से महिला श्रद्धालु की मौत, बरसाना में बुजुर्ग की गई जान

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सार

मुंबई की 60 वर्षीय महिला अपने परिजनों के साथ वृंदावन आई थी। शनिवार को वह बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने गई, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। एक दिन पहले बरसाना में एक श्रद्धालु की मौत हो गई थी।

                            अस्पताल के बाहर खड़ीं महिला के साथ की श्रद्धालु
                                        अस्पताल के बाहर खड़ीं महिला के साथ की श्रद्धालु – फोटो

विस्तार

वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध श्रीबांकेबिहारी मंदिर में शनिवार को भीड़ के चलते एक महिला श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ गई। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। बता दें कि पिछले माह भी एक पुरुष की दर्शन के दौरान तबीयत बिगड़ी थी। वह भी भीड़ के कारण घबरा गया था। अस्पताल में उसकी भी मौत हो गई थी।

होली पर मंदिरों में उमड़ रही भीड़ 

ब्रज में होली का पर्व मनाने के लिए देश-दुनिया से हजारों श्रद्धालु पहुंचे हैं। वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। शनिवार को सुबह से ही भीड़ का दबाव है। मुंबई की 60 वर्षीय मधु अग्रवाल भी कुछ महिलाओं के साथ ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन करने पहुंची थी।

भीड़ के दबाव के कारण बेहोश होकर गिरीं

मंदिर में भीड़ के अधिक दबाव के चलते उनकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। वह बेहोश होकर मंदिर परिसर में ही गिर गईं। मंदिर के सुरक्षाकर्मी अन्य श्रद्धालुओं की मदद से उनको बाहर लेकर आए। पुलिसकर्मियों के सहयोग से उनको जिला संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

शुगर की मरीज थी महिला श्रद्धालु 

जिला संयुक्त चिकित्सालय के डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि मरीज काफी गंभीर स्थिति में थी। हमने प्राथमिक उपचार भी दिया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आया। इसके बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतका के साथ की महिलाओं ने जानकारी दी है कि मधु अग्रवाल शुगर से पीड़ित थीं।

बरसाना में 65 वर्षीय बुजुर्ग की मौत 

बरसाना में लठामार होली पर आए 65 वर्षीय श्रद्धालु की हार्टअटैक से मौत हो गई थी। पंजाब के पठानकोट निवासी चरण दास परिवार के साथ शुक्रवार को बरसाना आए थे। लठामार होली खत्म होने के बाद वह परिवार के साथ राधारानी के दर्शन के लिए मंदिर गए, जहां भीड़ में उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।

परिजनों ने उनको मंदिर के बाहर ही बैठा दिया और दर्शन करने चले गए। परिजन लौटकर आए तो चरण दास की मौत हो चुकी थी। परिजन मृतक के शव को अपने साथ पठानकोट ले गए।

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