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समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल सपा के समर्थन से राज्यसभा जाएंगे। कपिल सिब्बल ने निर्दलीय के तौर पर राज्यसभा के लिए नामांकन भी कर दिया है। कपिल ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया है। नामांकन के बाद कपिल ने कहा कि 16 को ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं कांग्रेस का नेता नहीं हूं। मैं पिछली बार भी यूपी से राज्यसभा गया था। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का मोर्चा बना रहे हैं। विपक्ष में रहकर गठबंधन बनाना चाहते हैं। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि सपा को कपिल सिब्बल जैसे नेताओं की जरूरत है। कपिल सिब्बल अपनी बात अच्छे से रखते हैं। कपिल सिब्बल एक सफल वकील हैं। इससे पहले, बुधवार दोपहर कपिल सिब्बल ने सपा कार्यालय पहुंचकर अखिलेश यादव से मुलाकात की। यहां से अखिलेश यादव के साथ नामांकन करने पहुंचे। इस दौरान राम गोपाल यादव मौजूद रहे। इससे पहले, समाजवादी पार्टी ने आज अपने राज्यसभा के उम्मीदवार फाइनल किए। सपा ने कपिल सिब्बल को समर्थन दिया, जबकि अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की राज्यसभा जाएंगी। इसके अलावा जावेद अली खान को भी पार्टी राज्यसभा भेज रही है। वह पहले भी सपा के राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। मालूम हो कि अभी तक राज्यसभा में सपा के पांच सदस्य हैं। इसमें कुंवर रेवती रमन सिंह, विशंभर प्रसाद निषाद और चौधरी सुखराम सिंह यादव का कार्यकाल चार जुलाई को खत्म हो रहा है। बुधवार दोपहर को सपा नेता जावेद अली खान ने भी राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ में पार्टी के नेता रामगोपाल यादव मौजूद रहे।
राज्यसभा चुनाव: यूपी की 11 सीटों में से भाजपा को 7, सपा को 3 सीट मिलना तय
राज्यसभा में यूपी की 11 सीटों के लिए चुनाव 10 जून को होगा। इन सदस्यों का कार्यकाल 4 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसके लिए नामांकन 24 से 31 मई तक दाखिल किए जाएंगे। एक जून को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 3 जून तक नाम वापस ले सकेंगे। 10 जून को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। शाम 5 बजे से मतगणना शुरू होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बृहस्पतिवार को इसका कार्यक्रम जारी कर दिया।
इन 11 सीटों में से भाजपा को सात व सपा को तीन सीटें मिलना लगभग तय है। सूत्रों के मुताबिक एक सीट के लिए 36 विधायकों का वोट चाहिए। भाजपा गठबंधन के पास 273 विधायक है। ऐसे में उन्हें 7 सीट जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी। सपा के पास 125 विधायक हैं। उसे 3 सीट जीतने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन 11वीं सीट के लिए भाजपा व सपा एक दूसरे के खेमे में सेंधमारी का प्रयास करेंगे।