गिरोहबंदी में कुर्क मुख्तार के बेटे की संपत्ति पर दुकान चलाने वालों को राहत

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अब्बास अंसारी

गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने के दर्जी टोला यूसुफपुर में गिरोहबंदी में कुर्क की गई मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की संपत्ति पर दुकान चलाने वालों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट ने डीएम गाजीपुर के पूर्व के आदेश को रद्द करते हुए नया आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।

 

 

साथ ही कहा है कि डीएम संपत्ति के संचालन के लिए दो सप्ताह के भीतर एक प्रशासक नियुक्त किया जाए, जो कारोबारियों से किराया वसूली व संग्रह का कार्य करे। यह आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की खंडपीठ ने दिया है।

मामले में जिला मजिस्ट्रेट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके बेटे अब्बास अंसारी की गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने के दर्जी टोला यूसुफपुर में स्थित संपत्ति को संलग्न करते हुए उसे कुर्क कर दिया है। इससे उसमें दुकान चलाने वालों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई। उनका कारोबार ठप हो गया।

उन्होंने इस संबंध में डीएम गाजीपुर के समक्ष प्रत्यावेदन दिया था लेकिन डीएम ने उनके प्रत्यावेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि क्योंकि यह संपत्ति आपराधिक और समाज विरोधी कार्यों के जरिए अर्जित की गई है। इसे कुर्क कर दिया गया है। लिहाजा, कुर्कशुदा दुकानों को खोला जाना विधि सम्मत नहीं है।

 

डीएम को प्रशासक नियुक्त करने का आदेश

दुकानदारों ने डीएम के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ताओं से पूछा कि क्या जिन लोगों ने दुकान खोल रखी है, वे गैंगस्टर हैं? क्या उन पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई है? या वे मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्य हैं? इस पर नहीं में जवाब मिला। कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए निर्देश दिया कि विवादित संपत्ति पर डीएम प्रशासक नियुक्ति कर दुकानों का संचालन कराएं। जिससे कि दुकानदारों के अधिकारों का हनन न हो सके।

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