सोनभद्र के रास्ते पूर्वांचल में मानसून ने दी दस्तक : झमाझम बारिश से सुहाना हुआ मौसम

Getting your Trinity Audio player ready...

सोनभद्र में आज जमकर बरसे बदरा

कई दिनों के इंतजार के बाद गुरुवार को मानसून ने पूर्वांचल में दस्तक दे दी है। सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज सहित आसपास के इलाकों में दोपहर करीब एक घंटे तक तेज बारिश हुई। भीषण गर्मी और उमस से परेशान लोगों को बारिश ने बड़ी राहत पहुंचाई है। खरीफ की खेती के लिए भी बारिश काफी लाभदायक मानी जा रही है। अब जल्द ही मानसून के पूरे पूर्वांचल में सक्रिय होने के आसार हैं।

दक्षिण तट से चलकर मानसून पूर्वांचल में सोनभद्र के रास्ते ही प्रवेश करता है। इसकी संभावित तिथि 20 जून मानी जाती है। पिछले 3-4 दिनों से मौसम के रुख में बदलाव आया था। बादलों के उमड़-घुमड़ के बीच अलग-अलग क्षेत्रों में बूंदाबांदी भी हो रही थी। बुधवार को मध्य प्रदेश  की सीमा से लगे अनपरा-शक्तिनगर के कुछ इलाकों में बारिश भी हुई थी।

करीब एक घंटे तक झमाझम बारिश
जिले में गुरुवार सुबह से ही मौसम बदलने लगा था। आसमान में बादलों के साथ वातावरण में उमस के कारण लोग बारिश का अनुमान लगा रहे थे। दोपहर बाद अचानक ठंडी हवा के झोंको के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई। दोपहर करीब एक बजे से शुरू हुई बारिश करीब एक घंटे तक जारी रही। बच्चों ने बारिश का लुत्फ उठाया तो गर्मी से भी राहत मिली। तापमान करीब तीन डिग्री सेल्सियस तक गिर गया।

 

सोनभद्र: 27 माह में प्राकृतिक आपदा से 440 ने गंवाई जान

सोनभद्र जिले में हर साल प्राकृतिक आपदा से सौ से अधिक लोगों की मौत होती है। पिछले 27 माह में प्राकृतिक आपदा से 440 जनहानि हुई है। प्राकृतिक आपदा राहत कोष से मृत प्रत्येक व्यक्ति के आश्रितों को चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है। इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासन ने सभी लेखपालों समेत अन्य कर्मियों को निर्देश दिया है।

सोनभद्र जिले में बारिश के दौरान तड़क-गरज के साथ बिजली का गिरना आम बात है। सर्पदंश की घटनाएं भी खूब होती हैं। अत्यधिक बारिश होने पर सोन, बकहर, बेलन कर्मनाशा समेत अन्य नदी, नाले उफान पर हो जाते हैं। जलाशयों का जलस्तर भी बढ़ जाता है। पहाड़ी और जंगली इलाकों में वर्तमान परिवेश भी सभी बस्तियों में आने-जाने के लिए रास्ता न बनने के कारण मजबूरी में बारिश के दिनों में कुछ रहवासी पगडंडी पर भरे पानी में से ही गुजरते है।

इस दौरान बाढ़ की चपेट में लोग डूबकर काल की गाल में भी समा जाते हैं। हर साल सबसे अधिक बिजली और सर्पदंश से लोगों की मौतें होती है। इसके बाद डूबने समेत अन्य दैवीय आपदाओं से भी लोगों की जान चली जाती है। इसको देखते हुए सरकार ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को मुआवजा देती है।

आपदा सलाहकार पवन शुक्ला की मानेें तो वर्ष 2020-21 में आपदा से करीब 175 जनहानि हुई थी। वर्ष 2021-22 में लगभग 230 और वर्ष 2022-23 में अब तक करीब 35 जनहानि हुई है। कहा कि मार्च वर्ष 22 तक आपदा से हुई जनहानि के प्रभावित लोगों के खाते में मुआवजा की धनराशि भेजी जा चुकी है। कहा कि तहसील स्तर से रिपोर्ट प्राप्त होने पर शेष लोगों को भी चली जाएगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *