बढ़ती जनसंख्या से होने वाली दिक्कतों के प्रति किया आगाह, परिवार नियोजन साधनों को अपनाने की सलाह

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बढ़ती जनसंख्या को विकास में बाधक बताया गया

-बाल विकास परियोजना सिरकोनी के आंगनबाड़ी केंद्रों पर विश्व जनसंख्या दिवस पर हुए कार्यक्रम

जौनपुर,विश्व जनसंख्या दिवस पर बाल विकास परियोजना सिरकोनी के आंगनबाड़ी केंद्र कबूलपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता साधना ने महिलाओं के साथ बैठक की। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या को विकास में बाधक बताया और उसे नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन के साधन अपनाने की सलाह दी। उन्होंने परिवार नियोजन के साधन अंतरा, कंडोम, छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी आदि के बारे में जागरूक किया। उन्होंने पुरुषों को नसबंदी कराने के लिए भी जागरूक किया।

आंगनबाड़ी केंद्र नेवादा में गीता यादव ने लोगों को एकत्र कर जनसंख्या बढ़ने से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्याएं लाती है। गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल कर जनसंख्या पर नियंत्रण या प्रजनन के ऊपर रोक लगाई जा सकती है।

विशुनपुर मझवारा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुजाता ने बताया कि आज हम लोग 30वां विश्व जनसंख्या दिवस मना रहे हैं। इस दिवस की शुरुआत 1989 से हुई है। इस समय विश्व जनसंख्या की 17.6 प्रतिशत आबादी भारत में निवास करती है जो कि लगभग 140 करोड़ है। जनसंख्या वृद्धि देश में कई तरह की समस्याएं पैदा करती है। जब तक हम जनसंख्या नियंत्रित नहीं कर लेते, तब तक एक अच्छा समाज नहीं बना पाएंगे।

वाजिदपुर दक्षिणी की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऊषा ने जनसंख्या नियंत्रण के उपाय के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हम लोगों को इस अंधविश्वास को तोड़ना है कि बच्चे भगवान की देन हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों को बताना होगा कि जनसंख्या बढ़ाना या घटाना हम लोगों के हाथ में है।

उन्होंने बताया कि इस जनसंख्या दिवस की थीम है-‘आठ बिलियन की दुनिया, सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना।

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