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प्रदेश भर में अवैध कॉलोनियां की जमीनें जब्त होंगी। सरकार ने इन कॉलोनियों को बसाने वालों की गिरफ्तारी के साथ ही उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आवास विभाग जल्द ही इसके लिए नई नीति लाने जा रहा है। प्रस्तावित नीति का ड्राफ्ट लगभग तैयार है। वहीं, आवास विभाग ने प्रदेश भर में अवैध कॉलोनियों को चिह्नित करने के लिए सर्वे करने का भी फैसला लिया है। जिससे नीति लागू होने के बाद अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
प्रदेश के सभी बड़े शहरों, जिला मुख्यालय वाले शहरों और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बिना लेआउट पास कराए ही अवैध कॉलोनियां बसाई जा रही हैं। इसकी वजह से शहर से सटे इलाकों में बड़ी संख्या में अविकसित कॉलोनियां बस गई हैं। बेतरतीब ढंग से बसने वाली इन कॉलोनियों में लोग बिना छानबीन के जमीन खरीदकर मकान बना लेते हैं। बाद में सड़क, बिजली, पेयजल व सीवर जैसी सुविधाओं के लिए विकास प्राधिकरण और नगर निकायों का चक्कर लगाने लगते हैं। इस तरह के तमाम शिकायतों के मद्देनजर पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने आवास विभाग को अवैध कॉलोनियां बसाने वाले लोगों पर शिकंजा करने का निर्देश दिया था।
इसी कड़ी में आवास विभाग नई नीति तैयार कर रहा है। प्रस्तावित नीति में अवैध कॉलोनी बसाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए विकास प्राधिकरण अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इसमें कुछ नई धाराएं जोड़ी जाएंगी। इन धाराओं के आधार पर अवैध कॉलोनियां बसाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने, गिरफ्तारी करने, जुर्माना लगाने और अवैध कॉलोनी से संबंधित जमीनें जब्त करने का प्रावधान किया जाएगा। जल्द ही इस नीति को कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर लागू किया जाएगा। अवैध कॉलोनियों को बसने से रोकने और इसे बसाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सात सदस्यीय समिति बनाते हुए रिपोर्ट मांगी गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी आवास विभाग अवैध कॉलोनियों को वैध करने और इस पर अंकुश लगाने के लिए कई बार संबंधित नीतियों में संशोधन कर चुका है लेकिन प्राधिकरणों के स्तर पर अधिकारियों और कॉलोनाइजरों की मिलीभगत से अवैध कॉलोनी बसाने का खेल जारी है। इसलिए अब एक बार फिर से अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगाने के लिए अधिनियम के प्रावधानों को और सख्त करके कॉलोनाइजरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की व्यवस्था की जा रही है।