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मेरठ में मंकीपॉक्स के डर से सोमवार व मंगलवार को कैंट स्थित केवी पंजाब लाइंस में कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों की छुट्टी कर दी गई। यहां अध्यापकों ने अंदेशा जताया कि चार बच्चे बीमार हैं जिनमें मंकीपॉक्स जैसे लक्षण हैं। उन्होंने इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी दी है।
हालांकि जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान इसे महज भ्रम बता रहे हैं। उनका कहा है कि छानबीन कर ली गई है, किसी में भी मंकीपॉक्स के लक्षण नहीं हैं। न ही किसी की मंकीपॉक्स की जांच हुई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम आज इन सभी के घर भी जाएगी।
केवी पंजाब लाइंस प्राइमरी विंग में पढ़ने वाले कक्षा एक से पांचवी तक के बच्चों के परिजनों के मोबाइल पर मैसेज आया कि सोमवार को विद्यालय में प्रशासनिक कार्य के चलते बच्चों की छुट्टी रहेगी। परिजनों ने विद्यालय में फोन करके पता किया तो बताया गया कि बच्चों में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले हैं, इसलिए छुट्टी की गई है।
प्रधानाचार्य लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कक्षा तीन के एक छात्र को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रविवार शाम को परिजनों से इसकी सूचना मिली थी, जिस कारण छुट्टी की गई है। साथ ही इसकी जानकारी सीएमओ कार्यालय में भी दी गई है। आज भी स्कूल की प्राइमरी विंग की छुट्टी की गई है। इसका मैसेज भी अभिभावकों को सोमवार देर शाम भेजा गया है।
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि जिला सर्विलांस टीम को इसकी छानबीन के लिए लगाया गया। किसी को भी मंकीपॉक्स की पुष्टि नहीं हुई है। न ही किसी की आधिकारिक तौर पर जांच हुई है। चारों बच्चे घर पर ही हैं और स्वस्थ हैं। उन्हें बुखार और शरीर पर लाल दाने थे, जिससे परिजनों को मंकीपॉक्स का भ्रम हो गया था।
क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और गांठ के जरिए उभरता है। रोग के लक्षण दो से चार दिन सप्ताह तक दिखते हैं जो अपने आप दूर होते चले जाते हैं।
यह चूहों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है, यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। हालांकि यह चेचक की तुलना में कम घातक है। पिछले दिनों भारत में भी मंकीपॉक्स के मामले आए थे, तब से अलर्ट किया हुआ है। पुणे और दिल्ली एम्स में मंकीपॉक्स की जांच होती है।