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गोरखपुर। कैंट पुलिस ने 34 दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को तस्करों के पास से बरामद किया जिनमें 19 कछुए मृत्य 15 जिंदा पाए गए हैं जिंदा कछुआ को रामगढ़ ताल में छोड़ दिया गया पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई ने पुलिस लाइन वाइट हाउस सभागार में प्रेस वार्ता कर बताया कि कैंट थाना क्षेत्र अंतर्गत इंजरिंग कॉलेज चौकी प्रभारी उप निरीक्षक अवधेश चंद्र मिश्रा रात्रि वाहन चेकिंग के दौरान स्कार्पियो वाहन को चेक करते समय स्कॉर्पियो गाड़ी से दुर्लभ प्रजाति के 34 कछुए बरामद किए गए हैं जो 10 बोरों में रखे गए थे प्रत्येक कछुए का वजन 10 से 15 किलो के आसपास रहा इन्हें रामगढ़ ताल से दुर्गेश साहनी पुत्र मदनलाल साहनी निवासी झुगिया थाना बखिरा संत कबीर नगर द्वारा ताल से कछुए को निकाला जाता था इन कछुओं को कैंपियरगंज में एक बंगाली को देकर पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाता उससे पहले ही दुर्लभ कछुये के साथ वलिस्टर सिंह पुत्र प्रभुनाथ चौधरी निवासी जगमाझा थाना इकौना जनपद देवरिया सुग्रीव निषाद पुत्र मंटू निषाद निवासी मरवा की बारी थाना कैंट गोरखपुर बबलू निषाद पुत्र रामजी निषाद निवासी मरवा की बारी थाना कैंट गोरखपुर दुर्गेश साहनी पुत्र मदन लाल साहनी निवासी झुगिया थाना बखिरा संत कबीर नगर को गिरफ्तार कर लिया गया दुर्लभ कछुओं को कैंपियरगंज होते हुए पश्चिम बंगाल जरिए बांग्लादेश चाइना पहुंचाने का कार्य तस्करों द्वारा किया जाता प्रत्येक कछुओं को 40 से 50 हजार रुपए में बेचा जाता इंटरनेशनल मार्केट में यहां इन कछुआ को तस्करों द्वारा 4 से 500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बंगाली तस्कर द्वारा लिया जाता 34 दुर्लभ प्रजाति के कछुओं में 19 कछुओं की गर्मी की वजह से मृत्यु हो गई बचे 15 कछुओ को रामगढ़ ताल में छोड़ दिया गया मृत 19 कछुआ को चिड़ियाघर के डॉक्टरों का एक पैनल पोस्टमार्टम कर जांच करेगा कि किन वजहों से दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की मृत्यु हुई है गिरफ्तार करने वाली पुलिस को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर ने 10,000 नगद इनाम देने की घोषणा की एसपी सिटी कृष्ण विश्नोई ने बताया कि दुर्लभ नस्ल के कछुओं की तस्करी को गोरखपुर के जरिये इन कछुओं को तस्करी कर कैंपियरगंज होते हुए पश्चिम बंगाल बांग्लादेश व चाइना भेजा जा रहा था। चेकिंग के दौरान 34 कछुए बरामद किए इनमें 19 की मौत हो गई थी। 15 कछुओं को रामगढ़ताल में छोड़ा गया है। पकड़ गए तस्करों में दो कैंट क्षेत्र और एक देवरिय एक सन्त कबीर नगर का रहने वाला है। रात्रि चेकिंग के दौरान स्कार्पियों से कछुओं को तस्करी कर ले जाया जा रहा है। जिसे दस बोर में 34 दुर्लभ प्रजाति के इंडियन फ्लैग सेल कछुए बरामद किए गए हैं जिनमें 19 कछुए मृत पाए गए हैं 15 जीवित ,जीवित कछुए को रामगढ़ ताल में छोड़ दिया गया। रात करीब तीन बजे स्कॉर्पियों को रोका गया तो बैठे हुए युवकों के हाव भाव देख कर शक हुआ तो गाड़ी को किनारे कर चेक किया गया तो 34 दुर्लभ प्रजाति के कछुए पाए गए हैं जिनमें 19 कचोरी मृत्य 15 जीवित थे मृत कछुओं की डॉक्टरों की पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा कि किन कारणों से कछुये की मृत्यु हुई है। एसडीओ हरेंद्र सिंह ने बताया कि यह कछुए इंडियन फ्लैग सेल्ड नाम की दुर्लभ प्रजाति के हैं। इस नस्ल के कछुओं की बड़े पैमाने पर विदेशों में तस्करी होती है। इसीलिए इन्हें शेड्यूल वन में रखा गया है। इनका शिकार प्रतिबंधित है। इन्हें लाल सूची में भी डाला गया है। ऐसे पशुओं तस्करी पर 3 से 7 साल तक सजा हो सकती है। 19 कछुए मृत मिले हैं, उनके पोस्टमार्टम के लिए चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. राजामोहन व डॉक्टरों का पैनल पोस्टमार्टम करेगा ये कछुए पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि कछुओं को रामगढ़ताल से पकड़ा हैं। इसके लिए रात में रामगढ़ताल में जाल डाला गया। कछुओं को कैंपियरगंज ले जा रहे थे।हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रजाति के कछुए गंगा
और उससे संबद्ध नदियों के तलहटी में पाए जाते हैं। माना जा
रहा है कि इनका शिकार राप्ती में किया गया है तस्करो द्वारा दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को कैम्पियरगंज बंगाली व्यक्ति के जरिए पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश चाइना भेजने का कार्य करते है। गिरफ्तार करने वाली टीम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर ने 10000 नगद इनाम देने की घोषणा की।