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उत्तर-प्रदेश स्टार्टअप नीति के अनुसार प्रत्येक स्टार्टअप को 5 लाख तक का अनुदान दिया जाता है
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पाण्डेय ) स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साईसेज लखनऊ में इनक्यूबेशन और इण्टरप्रेन्योरियल फाउण्डेशन के तत्वाधान में नवाचार एवं उद्यमशीलता व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें संदीप कुमार, मैनेजर इनक्यूबेशन सेन्टर, नवयुग नवाचार फाउण्डेशन, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स एण्ड टेक्नोलॉजी, लखनऊ ने पधार कर अपने वक्तव्य में बतया कि एस.एम.एस. इनक्यूबेशन व इण्टरप्रेन्योरियल फाउण्डेशन एक गैर लाभकारी संगठन का उन्नत संस्करण है, जो कि सेक्सन-8 कम्पनी के अन्तर्गत आता है, उन्होंने स्टार्टअप के बारे में भी बताया कि इनको सरकारी अनुदान भी प्राप्त हो सकता है। यह कम्पनी केवल नवोन्मेषी विचार के लिए समर्थन करती है। यह कम्पनी पारदर्शी है। उन्होंने बताया कि यदि कोई कम्पनी 10 वर्ष तक चलती है तो उसे स्थिर माना जाता है, इसके लिए लघु क्षेंत्र में लगभग 10 हजार रजिस्टर्ड स्टार्टअप हैं। इसके लिए सरकार की इन्नोवेशन नीति के अनुसार वित्त पोषण अनुदान भी प्राप्त कराया जा रहा है। इसमें कोई धन वापसी नहीं होती है तथा कोई ब्याज भी नहीं लिया जाता है। उत्तर-प्रदेश स्टार्टअप नीति के अनुसार प्रत्येक स्टार्टअप को 5 लाख तक का अनुदान दिया जाता है।
संस्थान के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शरद सिंह ने अन्त में सम्बोधित करते हुए कहा कि संस्थान में सरकार द्वारा चलायी जाने वाली योजनाओं की जानकारी समय-समय पर इसी प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करायी जानी चाहिए जिससे एक सुदृढ़ समाज की स्थापना हो सके और संस्थान भी देश के विकास में सहयोग प्रदान कर सके।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान के निदेशक, डॉ. आशीष भटनागर द्वारा अतिथि का स्वागत किया गया। महानिदेशक (तकनीकी) डॉ. भरतराज सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ यह बताया कि संस्थान नैक ए+श्रेणी प्राप्त है तथा नवाचार स्टर्टअप इण्टरप्रन्योरशिप पर पूर्व से कार्य हो रहा है तथा वर्ष 2018 में इस हेतु प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है। कार्यक्रम में एसोसियेट डायरेक्टर डा. धर्मेन्द्र सिंह, डॉ. हेमन्त कुमार, डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. आशा कुलश्रेष्ठ, डॉ. पी.के. सिंह-अधिष्ठाता के साथ ही संस्थान में अध्यययनरत बी.टेक. के छात्र एवं छात्राओं के साथ ही अन्य अध्यापकगण भी उपस्थित थे।