बागपत में धूमधाम से मनाया गया डा भीमराव अम्बेडकर का 133 वां जन्मोत्सव

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बागपत में धूमधाम से मनाया गया डा भीमराव अम्बेडकर का 133 वां जन्मोत्सव

– डाक्टर भीमराव अम्बेड़कर जैसी महान शख्सियतें सदियों में कभी कभार ही जन्म लेती है, वे हमारे भगवान है, उनके बनाये संविधान को कोटी-कोटी नमन – यशपाल सिंह रावत

– हमारी कौम में विश्वभर में पूजित एक से बढ़कर एक संत, ऋषि, महर्षि और विद्धान हुए है हमें अपनी कौम पर गर्व होना चाहिए – मंजु रानी, अध्यक्षा जिला महिला शिक्षक संघ जनपद बागपत

बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
बागपत नगर में बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी का 133 वां जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम और हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। पुराना कस्बा बागपत स्थित अम्बेडकर भवन में डाक्टर भीमराव अम्बेड़कर वेलफेयर संगठन जनपद बागपत द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जनपद बागपत की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की और बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के महान व्यक्तित्व और महानता से लोगों को अवगत कराया। इस अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ-साथ समाज में महत्वूपर्ण भूमिका अदा करने वाली शख्सियतों को सम्मानित किया गया। प्रमुख समाजसेवी यशपाल सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान भारत में 20 करोड़ से अधिक लोग जो एक इंसान का जीवन जी रहे है वह बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की ही देन है। कहा कि डाक्टर भीमराव अम्बेड़कर जैसी महान शख्सियतें सदियों में कभी कभार ही जन्म लेती है, उनके बनाये संविधान को हम कोटी-कोटी नमन करते है। डाक्टर भीमराव अम्बेड़कर हमारे भगवान है। बताया कि जिस समय देश आजाद हुआ उस समय हमें अछूत माना जाता था। खुद डा भीमराव अम्बेडकर ने अपनी बायोग्राफी में लिखा है कि वे स्कूल की कक्षा में उच्च जाति के बच्चों से अलग एक कोने में बोरे पर बैठते थे और वह बोरा भी वह खुद लाते थे, जिसको स्कूल का कर्मचारी भी हाथ नही लगाता था। स्कूल में पानी पीना हो तो वह नल या मटके को हाथ नही लगा सकते थे। स्कूल का चपरासी ही पानी पिलवाता था अगर चपरासी नही हुआ तो उसके आने तक इंतजार करना होता था। धोबी कपडे नही धोता था, नाई बाल नही काटता था। बताया कि वह एक ऐसा दौर था, जिसमें ऊॅंच-नीच, जात-पात, और छुआछुत जैसी कुरीतियां अपने चरम पर थी और हमारे लिए अधिकांश मंदिरो तक में प्रवेश तक वर्जित था। उस समय हम लोगों की स्थिति बद से बदतर थी। देश को आजाद कराने में तन-मन-धन से महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के बाबजूद हमें उस दौर में इंसान तो बिल्कुल भी नही समझा जाता था। ऐसे कठिन समय में बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर दलितों, पिछड़ों, पीड़ितों के मुक्तिदाता और मसीहा बनकर अवतरित हुए। उन्होंने हमें मुख्य धारा में लाने के लिए जीवन पर्यन्त संघर्ष किया। कहा कि बाबा साहब के जन्मदिन के इस पवित्र व पावन दिन हम सब संकल्प ले कि हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जैसी अनेकों महान शख्सियतों को तैयार करना है, जिन्हे दुनिया सलाम करे। कहा कि हमें एकजुट रहना है, आर्थिक स्थिति से कमजोर परिवारों की सहायता करनी है, अपने अतीत को नही भूलना है और बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर के महान उपकारों को हमेशा याद रखना है जिससे आने वाली पीढ़ियां शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में और अधिक मेहनत कर हमारी कौम को और भी अधिक ताकत प्रदान करे और देश और दुनिया में कौम का नाम रोशन करें। इस अवसर पर जिला महिला शिक्षक संघ की अध्यक्षा मंजु रानी ने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि हमारी जाति में विश्वभर में पूजित एक से बढ़कर एक संत, ऋषि और महर्षि और विद्धान हुए है जो आज भी समस्त संसार के लिए वंदनीय और पूजनीय है जो कि हमारी जाति की महानता को स्वयं सिद्ध करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामकिशन और संचालन मास्टर संजीव कुमार ने किया। इस अवसर पर डाक्टर भीमराव वेलफेयर संगठन जनपद बागपत के अध्यक्ष नवीन कुमार, सचिव नितिन कुमार, कोषाध्यक्ष राकेश कुमार, संरक्षक दिलीप सिंह, जिला महिला शिक्षक संघ की अध्यक्षा मंजु रानी, नेशनल अवार्डी व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन, नीलम, कुसुम लता, सुरेश कुमार सीएमओ ऑफिस, अजय कुमार, मास्टर अजय कुमार, शीतल प्रसाद वाल्मीकि, रिटायर्ड मैनेजर सितार सिंह, एसपी स्टेनो बालक राम चक, एड़वोकेट प्रमोद कुमार, एड़वोकेट संजय सहित सैंकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित थे।

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