जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है: सुनील यादव

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विश्व मजदूर दिवस 2024

जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है: सुनील यादव

अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर वेब गोष्ठी आयोजित

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। किसान और मजदूर इस देश की जान है इसलिए इनके लिए स्वास्थ्य और सकारात्मक सुरक्षा सबसे आवश्यक है, जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य होना चाहिए, उक्त बातें आज अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर फार्मासिस्ट फेडरेशन द्वारा आयोजित एक वेब गोष्ठी को संबोधित करते हुए फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कही । इस अवसर पर डीपीए के संस्थापक स्व राम उजागर पांडे , स्व शेष नाथ तिवारी, स्व राम समुझ त्रिपाठी, कर्मचारी नेता स्व बाई एन सिंह,रोडवेज के स्व प्रीतम दास, स्व चंद्रशेखर पांडे, स्व एस एन मिश्रा, सहित अनेक स्वर्गीय पुरोधाओं के संघर्षों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित दी गई ।
श्री यादव ने कहा कि आज कार्यालयों में काम के घंटे तय हैं, तो इसके पीछे मजदूर आंदोलन ही जिम्मेदार हैं. इतिहास गवाह है कि 1मई 1886 के दिन लाखो मजदूरों की हड़ताल के बाद दुनिया भर के मजदूरों के अनिश्चित काम के घंटों को 8 घंटे में बदला गया था । दुनिया भर में हुए मजदूर आंदोलनों ने आम नागरिकों को भी बहुत कुछ लाभ दिया है.
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की थीम ‘ जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है’ निर्धारित किया गया है ।
वास्तव में श्रमिकों का स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा एक बहुत बड़ा विषय है, आज अनेक श्रम कानूनों के बावजूद श्रमिकों को उचित पारिश्रमिक नहीं मिल पा रहा है । माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा समान कार्य समान वेतन के बार-बार निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन सामान्यतया यही देखा जा रहा है कि इसका परिपालन नहीं हो पा रहा है ।
सरकारी और गैर सरकारी सभी जगहों पर अलग अलग पारिश्रमिक नियत है, सभी श्रमिकों को वार्षिक वृद्धि तथा महंगाई भत्ता आज नहीं मिल पाता है जिससे श्रमिक अपने दैनिक जीवन का संचालन भी सही से नहीं कर पाते विभिन्न विभागों में चल रही आउटसोर्सिंग की व्यवस्था में श्रमिक और सरकार के मध्य बिचौलिए की भूमिका बन जाने से श्रमिक वर्ग को उनका नियत वेतन नहीं मिल पाता ।
सरकार ने संगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए सुरक्षा की व्यवस्था की है, स्वास्थ्य रक्षा हेतु अनेक ईएसआई हॉस्पिटल बने हैं लेकिन असंगठित मजदूरों के स्वास्थ्य की देखभाल पर अभी भी नीतियां बनानी होगी, आयुष्मान योजना गरीब श्रमिकों के लिए अत्यंत कल्याणकारी है इसका लाभ सभी मजदूरों को उठाना चाहिए आयुष्मान के मानक में भी थोड़े बदलाव की आवश्यकता है । वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा स्वास्थ्य परिवार का संचालन करने के लिए श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम मजदूरी का पुनर्निर्धारण किया जाना आवश्यक है जिससे श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा प्रबल हो सके।
हर जोर-जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा हैं, हर जालिम से टकरायेंगे, हर जुल्म का बदला मांगेंगे, इस नारे के साथ गोष्ठी में विभिन्न कर्मचारी मजदूर नेताओं ने अपनी राय रखी । फेडरेशन के संरक्षक अमरपाल सिंह, संयोजक के के सचान, महामंत्री अशोक कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी नायक, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, ओपी सिंह, जीसी दुबे, जय सिंह सचान,आर आर चौधरी, प्रवीण यादव, उपेंद्र कुमार, राजेंद्र पटेल, रमेश कुमार, आदेश, पीएस पाठक, ज्ञान चंद्र, अफज,अंकित के साथ अन्य विभागों के कर्मचारियों ने भी भागीदारी की ।
सुनील यादव

ensure workplace safety and health amidst climate change.
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर सभी श्रमजीवी कार्मिकों को हार्दिक शुभकामनाएं,आइए उन कार्मिकों को याद करते हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन मजदूर हितों के लिए लगा दिया, अपना बलिदान दिया, उन सभी को नमन और सभी कार्मिकों को लाल सलाम, इस अवसर पर स्व राम उजागर पांडे जी, स्व शेष नाथ तिवारी जी, स्व राम समुझ त्रिपाठी जी सहित अनेक स्वर्गीय पुरोधाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।
क्यों अपने खून पसीने पर हक़ हो सरमायादारी का,
मजदूर की मेहनत पर अब हम मजदूर का कब्ज़ा मांगेंगे ।
हर जोर-जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा हैं, हर जालिम से टकरायेंगे, हर जुल्म का बदला मांगेंगे ।।
हम मेहनतकश इस दुनिया से अब अपना हिस्सा मांगेंगे ।

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