ग्रामीण पत्रकारों के रहनुमा थे बाबू बालेश्वर लाल: संजय अस्थाना

Getting your Trinity Audio player ready...

*ग्रामीण पत्रकारों के रहनुमा थे बाबू बालेश्वर लाल: संजय अस्थाना*
जौनपुर के पत्रकारों ने ग्रापए के संस्थापक बालेश्वर लाल की मनायी 37वीं पुण्यतिथि
जौनपुर। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के संस्थापक बाबू बालेश्वर लाल की 37वीं पुण्यतिथि सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित पत्रकार संघ भवन में श्रद्धापूर्वक मनाई गई जहां उपस्थति पत्रकार बंधुओं ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये संस्थापक के प्रति स्वरांजलि दी। इस मौके पर उपस्थित कलमकारों को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष संजय अस्थाना ने कहा कि बाबू जी अपने निश्चय के धनी व्यक्ति थे। यदि किसी बात का विरोध कर लेते तो चाहे कुछ भी हो जाय, उससे हारने का नाम नहीं लेते थे और अनीति और अन्याय तो उन्हें किसी भी दशा में पसंद नहीं था। वह अपनी लेखनी के बल पर हमेशा अन्याय, अत्याचार और शोषण की नीति का विरोध करते रहे। ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों के गांव जाकर उन्हें संगठन से जुड़ने का आह्वान किया करते थे। वह बहुत भावुक और उदार प्रकृति के व्यक्ति थे। उनकी बातों का असर पत्रकारों पर तुरंत पड़ता था।
इसी क्रम में मंडल महामंत्री प्रदीप पांडेय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के समाचार को प्रकाशित करने का दायित्व ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों के जिम्मे रहता है। प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में संवेदनशीलता रहती है। मानव मन में बसी इस संवेदना को स्वाभाविक रूप से उदिप्त करने से सेवा की मानसिकता का निर्माण होता है। वहीं सदर तहसील अध्यक्ष देवेंद्र खरे ने कहा कि बालेश्वर जी कहा करते थे कि उसका व्यवहार ही बड़े महत्व का है। अपने व्यवहार द्वारा असाध्य को साध्य किया जा सकता है। वह तो कार्य में प्राण फूंकने की संजीवनी है। यह हमारे दया भाव से नहीं, कर्तव्य भाव से हो, यही जीवन की दिशा है।
महामंत्री लक्ष्मी नारायण मौर्या ने कहा कि बाबू जी एक जुझारू व्यक्तित्व के साथ कर्मठ पत्रकार भी थे। पत्रकारिता क्षेत्र के प्रगति पर गर्व करते हुए उन्होंने पत्रकार की महत्वाकांक्षा का परिणाम बताया है। साथ ही आशा भी व्यक्त किया कि यदि उसकी यही प्रगति निर्बाध गति से जारी रही तो एक न एक दिन ग्रापए भारतवर्ष का सबसे बड़ा पत्रकार संगठन हो जाएगा। संरक्षक श्याम रतन श्रीवास्तव ने कहा कि व्यक्ति के पास यदि पुरुषार्थ विवेकशीलता, एकाग्रता है तो वह निश्चित ही पत्रकारिता के बगिया को सजाने एवं संवारने में समर्थ हो सकता है। उन्होंने पत्रकारों में राष्ट्र प्रेम भावात्मक एकता,राष्ट्रीय एकता लोक कल्याण की भावना मानव मूल्यों की स्थापना लेखनी की सत्यता प्रेम की भावना आदि का संदेश दिया है। पत्रकार संगठन की पहली बैठक 8 अगस्त 1982 को उनके आवास गड़वार में उनके आवास पर मात्र 7 पत्रकारों की मौजूदगी में हुई थी।
कार्यक्रम का संचालन संगठन मंत्री प्रशांत विक्रम सिंह ने किया। इस अवसर पर शशिराज सिन्हा, मंगला प्रसाद तिवारी, जुबेर अहमद, सुधाकर शुक्ला, संजय चौरसिया, भोला विश्वकर्मा, नीरज सिंह, सुनील सिंह, संदीप यादव, संतोष राय, संदीप श्रीवास्तव, विनोद विश्वकर्मा, विश्व प्रकाश श्रीवास्तव, आशा राम यादव, विरन्द्र पांडेय, तबरेज नियाजी, पंकज प्रजापति सहित तमाम पत्रकार साथी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *