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01 अगस्त – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
कलिजुग सम जुग आन नहिं
जौं नर कर बिस्वास ।
गाइ राम गुन गन बिमल
भव तर बिनहिं प्रयास ।।
( उत्तरकांड, दो. 103)
जय सियाराम 🙏🙏
राम कथा सुनाने के बाद अपने पहले जन्म की कथा सुनाते हुए काकभुसुंडि जी गरूड़ जी से कहते हैं कि उस समय कलियुग था । यदि मनुष्य विश्वास करें तो कलियुग के समान कोई दूसरा युग नहीं है, इस युग में राम जी के निर्मल गुणों को गा कर मनुष्य बिना श्रम के ही संसार सागर पार कर लेता है ।
हमारी सारी तकलीफ़ इस संसार में निर्मल मन न रखने से है । राम जी निर्मल हैं , उनके गुणों का गान हमें आपको भी धीरे-धीरे निर्मल कर देगा फिर यह जगत भव सागर नहीं सुख सागर लगने लगता है और आनंदपूर्वक ब्यतीत हो जाता है । अस्तु ! गाएँ, राम गुन गाएँ , रघुनाथ गुन गाएँ 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ