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“उत्तर प्रदेश देश में सड़क बुनियादी ढांचे में अग्रणी है: विशेषज्ञों ने सीआईआई सम्मेलन में तकनीकी प्रगति और सतत प्रथाओं पर प्रकाश डाला”
ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के अभूतपूर्व विकास को ध्यान में रखते हुए सी.आई.आई ने सड़क विकास की निर्माण क्षेत्र में नवीन तकनीकों, संभावनाओं, अवसरों और भविष्य की तकनीकों पर चर्चा हेतु सड़कों और राजमार्गों पर एक सम्मेलन का आयोजन किया।
सत्र में बोलते हुए लोक निर्माण मंत्री के तकनीकी सलाहकार और पूर्व मुख्य अभियंता, यू.पी. – पी.डब्लू.डी, वी.के. सिंह ने उल्लेख किया कि भारतीय सड़कों के लिए हमें सड़कों के दीर्घकालिक रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी के संदर्भ में पारंपरिक तरीकों से नई पद्धति की ओर बढ़ने की जरूरत है और ऐसा करते हुए सड़कों की रीसाइक्लिंग, पर्यावरणीय संरक्षण तथा लागत तथा कार्यप्रणाली का ध्यान रखना होगा।
धर्मवीर सिंह, प्रोफेसर – ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी बॉम्बे* ने कहा कि सड़क निर्माण के अंतरराष्ट्रीय मानक के बराबर प्रतिस्पर्धा करने और उससे मेल खाने के लिए भारत में सड़क क्षेत्र में अत्यधिक तकनीकी प्रगति हुई है I उन्होंने कहा की हालांकि अभी भी सड़क निर्माण क्षेत्र में अनुसंधान के माध्यम से सड़क निर्माण क्षेत्र में नयी उचाईओं को प्राप्त किया जा सकता है।
सीआईआई यूपी स्टेट काउंसिल की चेयरपर्सन श्रीमती स्मिता अग्रवाल ने राज्य के आर्थिक विकास पर उत्तर प्रदेश के व्यापक एक्सप्रेसवे नेटवर्क के महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डाला। भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित इन एक्सप्रेसवे ने न केवल राज्य के सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है बल्कि देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे बाजारों तक पहुंच में सुधार करते हुए माल और यात्रियों की कुशल आवाजाही की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे समग्र विकास में योगदान मिलता है।
प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए मनोज गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष सी.आई.आई उत्तर प्रदेश तथा ए.आर. थर्मोसेट्स प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक* ने कहा की इमल्शन ट्रीटेड एग्रीगेट और माइक्रोसर्फेसिंग जैसी तकनीकों के बड़े पैमाने पर अमली करण ने उत्तर प्रदेश को सड़क विकास में सबसे आगे ला खड़ा किया है। कई राज्य अब हमारे सफलता मॉडल की ओर देख रहे हैं और इसे अपनाने की कोशिश भी कर रहे हैं। हमारे प्रयासों ने न केवल राज्य के खजाने की काफी बचत की है, बल्कि कार्बन बचत में भी योगदान दिया है, जिससे हमारे सड़कें अधिक स्थायी बन गई हैं। पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित गांव की सड़कें हमारी उपलब्धियों का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं I
Picture Caption (L to R): Shri V K Singh technical advisor to Hon’ble PWD Minister and former Engineer in Chief, UP PWD, addressing the audience, Mr Alok Shukla, Director & State Head, CII UP, Smita Agarwal*
, Chairperson, CII UP State Council, Manoj Gupta Past chairman, CII UP State Council and Chairman and Managing Director, ART Thermosets Pvt Ltd and Professor Dharamveer Singh,Professor – Transportation Systems Engineering, Department of Civil Engineering, IIT Bombay