Getting your Trinity Audio player ready...
|
अशफाक उल्ला खॉं के बलिदान को कभी भुलाया नही जायेगा – संजय डीलर
– अशफाक उल्ला खॉं की शहादत ने देश की आजादी की लड़ाई में हिन्दू-मुस्लिम एकता को और भी अधिक मजबूत किया – संजय डीलर
– अशफाक उल्ला खॉं द्वारा देश के लिए दी गयी शहादत सदियों-सदियों तक लोगों को प्रेरणा देने का कार्य करेगी – संजय डीलर
बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खॉं को उनकी जयंती पर जनपदभर में याद किया गया। बागपत के प्रमुख समाजसेवी और जिला पंचायत सदस्य संजय डीलर ने बताया कि अशफाक उल्ला खॉं जैसे हजारों लाखों क्रांन्तिकारियों ने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों को हॅंसते-हॅंसते न्यौछापर किया है। उन्होंने अशफाक उल्ला खॉं के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अशफाक उल्ला खॉॅं ने 5 अगस्त वर्ष 1925 के काकोरी काण्ड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। अशफाक उल्ला खॉं का जन्म शहीदगढ़ शाहजहॉंपुर उत्तर प्रदेश में 22 अक्टूबर 1900 को हुआ था। संजय डीलर ने बताया कि अशफाक उल्ला खॉं उर्दू भाषा के बेहतरीन शायर थे। उर्दू के अतिरिक्त वे हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में लेख और कविताएं लिखा करते थे। कहा कि अशफाक उल्ला खॉं ने अपने कार्यो से अंग्रेजी साम्राज्य को हिलाकर रख दिया था। बताया कि अंग्रेजो ने 25 दिसम्बर वर्ष 1927 को अशफाक उल्ला खॉं को फैजाबाद में फांसी दे दी थी। कहा कि अशफाक उल्ला खॉं की शहादत ने देश की आजादी की लड़ाई में हिन्दू-मुस्लिम एकता को और भी अधिक मजबूत किया। आज भी उनका दिया गया बलिदान देशवासियों को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करता है। संजय डीलर ने कहा कि अशफाक उल्ला खॉं द्वारा देश के लिए दी गयी शहादत सदियों सदियों तक लोगों को प्रेरणा देने का कार्य करेगी। कहा कि अशफाक उल्ला खॉं जैसी महान शख्सियतें सदियों में कभी कभार ही जन्म लेती है।