अध्यक्ष उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग श्री श्याम बिहारी गुप्ता जी की अध्यक्षता में गो आधारित प्राकृतिक कृषि पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन पिंजरापोल पशु अनाथालय (गौशाला) में किया गया

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जौनपुर 10 नवम्बर, 2024 (सू0वि0)- अध्यक्ष उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग श्री श्याम बिहारी गुप्ता जी की अध्यक्षता में गो आधारित प्राकृतिक कृषि पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन पिंजरापोल पशु अनाथालय (गौशाला) में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मा0 अध्यक्ष जी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस दौरान उन्होंने गौ आधारित प्राकृतिक कृषि करने वाले कुल 08 किसानों को माला पहनाकर सम्मानित किया। इसके साथ ही देशी गाय पालने वालों को सम्मानित किया गया।
मा0 अध्यक्ष जी ने कहा कि रासायनिक ऊर्वरकों के इस्तेमाल से मिट्टी खराब हो रही है बिमारियों को बढावा मिल रहा है। हम अपनी आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा और भोजन दे तब विकास का मॉडल लागू होगा।
उन्होंने कहा कि गौ आधारित कृषि पर ध्यान देने की आवश्यकता है। मा0 प्रधानमंत्रीजी और मुख्यमंत्री जी आने वाली पीढ़ियों के बारे में भी चिन्तन कर रहे है। सभी लोगों से अपील किया कि गौ आधारित कृषि करना शुरू करें। गोबर गैस प्लांट लगाकर अन्नदाता किसान ऊर्जा दाता बने इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
मा0 अध्यक्ष जी द्वारा प्रेस वार्ता करते हुए अवगत कराया कि पूरे प्रदेश में इस समय लगभग साढ़े आठ सौ, गो आश्रय स्थल, गोशाला चल रही है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने सबको निर्देश दिया है कि गो आश्रय स्थलो में प्राकृतिक खेती आधारित गौशाला प्रशिक्षण केन्द्र बनाया जाए और प्रशिक्षण केन्द्र में जो भी प्रशिक्षण लेने आएंगे उन्हें एक गाय दी जाएगी और उन्हें 15, सौ रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। उन लोगों को प्राकृतिक खेती भी सिखायी जाएगी और बायो गैस स्थापित किए जाने एवं उनके बारे में भी बताया जाएगा। मा० प्रधानमंत्री जी ने गो आधारित प्राकृतिक खेती करने का प्रावधान किया है। जिसके तहत किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में किसानो को जानकारी दी जाएगी।
पूर्व विधायक श्री सुरेंद सिंह ने कहा कि अध्यक्ष गौ सेवा अयोग के नेतृत्व में गाय पर आधारित कृषि को विस्तार होगा, गाय पालने में प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने उर्वरक आधारित कृषि को छोड़कर जैविक खेती करने के सुझाव दिए। गाय, कृषि और प्रकृति के तरफ लौटना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति एक गाय का पालन अवश्य करें। जनपद के गौशालाओं को एनर्जी, इकोनोमिक, एजुकेशन सेंटर बनाना है।
उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल से की जाने वाली खेती को जैविक खेती कहा जाता है। जैविक खेती केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं है वरन पशुपालन में भी यदि पशुओं को भोजन और दवाइयां इत्यादि प्राकृतिक रूप से उपलब्ध संसाधनों से प्रदान की जाएं तो ऐसे पशुओं के उत्पाद भी जैविक पशु उत्पाद कहलाते हैं।
इस अवसर पर प्रतिनिधि अध्यक्ष नगर पालिका परिषद रामसूरत मौर्य, गौशाला के प्रबंधक दिनेश कपूर, अध्यक्ष गोपाल कृष्ण हरलालका, प्रतिनिधि राज्यमंत्री खेल एवं युवा कल्याण श्री गिरीश चंद्र यादव के प्रतिनिधी अजय सिंह, श्याम मोहन अग्रवाल, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ ओपी श्रीवास्तव, किसान मोर्चा के अध्यक्ष, दिनेश प्रकाश सिंह सहित गौ आधारित कृषि करने वाले किसानगण उपस्थित रहे।

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