यूपी-112 के अभियान ‘एक पहल’ का समापन…. दूसरों की सहायता के लिए सजग नागरिकों ने ली खूब मदद, 88447 ज़रूरतमंदों तक पहुंची पीआरवी

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यूपी-112 के अभियान ‘एक पहल’ का समापन….
दूसरों की सहायता के लिए सजग नागरिकों ने ली खूब मदद, 88447 ज़रूरतमंदों तक पहुंची पीआरवी
– 12 अगस्त को डीजीपी ने किया था अभियान का शुभारम्भ
– पुलिस सहायता के लिए प्रदेश भर से सर्वाधिक 86341 कॉल
– दूसरों के जीवन रक्षण के लिए कॉल करने वाले 20 सजग नागरिकों को यूपी-112 ने किया सम्मानित
– कॉल करने वालों की सम्पूर्ण जानकारी रखी जाती है गुप्त

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। नागरिकों को समाज में एक दूसरे के प्रति संवेदनशील बनाने और सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए यूपी-112 द्वारा 12 अगस्त को शुरू किया गया ‘एक पहल’ अभियान समाप्त हो गया. अभियान का शुभारम्भ डीजीपी श्री प्रशांत कुमार द्वारा किया गया था. करीब 107 दिनों तक चले अभियान के दौरान दूसरों की सहायता के लिए 88447 नागरिकों ने प्रदेश भर से यूपी-112 को कॉल किया. इस दौरान सर्वाधिक 86341 कॉल कॉल पुलिस सहायता लेने के लिए की गयी.
कॉलर की सजगता से बची अपृहत की जान
सितम्बर माह की एक सुबह कुछ लोग एक व्यक्ति का अपहरण कर उत्तर प्रदेश के बागपत लेकर आये. एक सजग नागरिक ने देखा कि चार लोग एक व्यक्ति को कार से उतार कर बुरी तरह मारपीट कर रहे हैं. सजग नागरिक ने बिना समय गंवाए तत्काल घटना की सूचना यूपी-112 को दी. पीआरवी ने मौके पर पहुच के हरियाणा के गुरुग्राम निवासी राहुल और ललित को पकड़ा तथा पीड़ित को बरामद कर उपचार के लिए भेजा. हरियाणा में आरोपियों के खिलाफ अपहरण का मुकदमा पहले से ही दर्ज था. ये एक मिसाल भर है. प्रदेश के जागरूक नागरिकों की सजगता ने कई पीड़ितों की मदद कर जीवन रक्षण का कार्य किया. जीवन रक्षण में योगदान देने वाले 20 जागरूक नागरिकों को यूपी-112 द्वारा सम्मानित किया गया.
दूसरों की समस्याओं के प्रति बने संवेदनशील
यूपी-112 की अपर पुलिस महानिदेशक श्रीमती नीरा रावत ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों को एक दूसरे की समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनने के लिए प्रेरित करना है. इसके अतिरिक्त हम सब आस-पास की गतिविधियों पर नज़र रख न सिर्फ सजग एवं सतर्क नागरिक का परिचय देते हैं बल्कि किसी घटना या संदिग्ध की समय से सूचना देकर किसी बड़े अपराध को करीत होने से रोक कर, कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में बहुमूल्य योगदान कर सकते हैं. श्रीमती रावत ने बताया कि कॉल कर मदद लेने वाले नागरिकों की सम्पूर्ण जानकारी गुप्त रखी जाती है.

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