Getting your Trinity Audio player ready...
|
०२ फ़रवरी – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
जप तप मख सम दम ब्रत दाना ।
बिरति बिवेक जोग बिग्याना ।।
सब कर फल रघुपति पद प्रेमा
तेहि बिनु कोउ न पावइ छेमा ।।
( उत्तरकांड 94/3)
राम राम 🙏🙏
गरुड़ जी को श्री राम कथा सुनाने के बाद काकभुसुंडि गरुड़ जी से कहते हैं कि जप , तप , यज्ञ ,मन पर नियंत्रण , इंद्रियों को वश में करना , व्रत , दान , वैराग्य, योग आदि सबका फल राम चरणों में प्रेम होना है । इसके बिना किसी का कल्याण नहीं हो सकता है ।
श्री राम प्रेम के बिना हमारा कल्याण नहीं है , अतः ऐसे कर्म करें जो हमें राम चरणों की ओर उन्मुख करें तभी हमारा कल्याण संभव है । अथ ! जय जय राम , जय जय राम, जय सीताराम जय जय सीताराम। 🚩🚩🚩
०१ फरवरी – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
जौं परलोक इहाँ सुख चहहू ।
सुनि मम बचन हृदय दृढ़ गहहू ।।
सुलभ सुखद मारग यह भाई ।
भगति मोरि पुरान श्रुति गाई ।।
( उत्तरकांड 44/1)
राम राम 🙏🙏
राज्याभिषेक के कुछ दिनों बाद राम सभी अयोध्यावासियों को बुलाते हैं । वे सबसे कहते हैं कि यदि इस लोक में व परलोक में सुख चाहते हैं तो मेरी बात को मजबूती से धारण कर लें । यह मेरी भक्ति का सुलभ व सुखद मार्ग है जिसे वेद पुराणों ने भी गाया है ।
हम सुख चाहते हैं, आप सुख चाहते हैं , हम सब सुखी होना चाहते हैं पर सुख तो भक्ति में है , अतएव भक्ति करें , श्री राम भक्ति करें और सुखी हो जाएँ । अथ ! राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ