Getting your Trinity Audio player ready...
|
पत्रकार/ ब्यूरो चीफ सत्य प्रकाश उपाध्याय
नोएडा: नोएडा तथा गाजियाबाद के सभी क्षेत्रों में होलिका दहन और पूजन को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है, छोटी बड़ी सभी कॉलोनीयों में जगह-जगह नुक्कड़ चौराहों पर पेड़ के सूखे पत्ते, सुखी टहनी, गोबर के उपले आदि इकट्ठा करके होलिका दहन की तैयारी कर रहे हैं| हर साल फाल्गुन पूर्णिमा की रात को होलिका जलाई जाती है| होलिका दहन, बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मानकर किया जाता है| होलिका दहन से पहले भद्रा नक्षत्र का विशेष ध्यान दिया जाता है, भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन का प्रावधान है, और आज रात्रि 11:26 पर भद्राकाल समाप्त होने के बाद होलिका दहन का मुहूर्त चालू होगा|
* पौराणिक कथाओं के अनुसार होलिका एक देवी थी, एक ऋषि के श्राप के कारण वह राक्षसी हुई, अपने भतीजे भगवान श्री हरि के परम भक्त प्रहलाद को अपने गोद में लेकरके अग्नि में बैठ गई जिसके कारण वह अग्नि में जल करके भस्म हो गई, अग्नि में जलने के कारण व शुद्ध हो गई यही कारण है कि होलिका राक्षसी होने के बाद भी एक देवी के रूप में पूजी जाती है| इसके साथ-साथ एक मान्यता यह भी है कि होलिका जलने समय एक मुट्ठी चावल उसमें डालने और अग्नि की परिक्रमा करने से बहुत सारे कष्ट मिट जाते हैं क्योंकि भगवान विष्णु के अनेक रूपों में से एक रूप अग्निदेव का है |