बिकरू कांड: खुशी दुबे की जमानतें दाखिल, सत्यापन के बाद माती जेल से होगी रिहाई

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बिकरू कांड के बाद पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को मुख्य मामले के साथ ही दूसरे की आईडी से सिम कार्ड उपयोग करने में भी आरोपी बनाया गया था। सिम मामले में खुशी को पहले ही अदालत से जमानत मिल चुकी है। मुख्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। इस पर बचाव पक्ष की ओर से दोनों मामलों में अदालत में जमानत दाखिल की गई।

अदालत ने इनके सत्यापन के आदेश दिए हैं। सत्यापन के बाद ही खुशी की रिहाई के आदेश दिए जाएंगे। बिकरू कांड के बाद पुलिस ने अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को मुख्य मामले के साथ दूसरे की आईडी से सिम कार्ड उपयोग करने के मामले में आरोपी बनाकर जेल भेजा था। मामले में बचाव पक्ष ने अदालत में आरोपी खुशी के घटना के समय नाबालिग होने का तथ्य दिया था। इस पर सिम कार्ड मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है, जबकि मुख्य मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-13 पॉक्सो शैलेंद्र कुमार वर्मा की अदालत में चल रही है।

 

खुशी को किशोर न्याय बोर्ड से पहले ही जमानत मिल गई थी। मुख्य मामले में निचली अदालत के साथ ही हाईकोर्ट से खुशी की जमानत अर्जी खारिज हो गई थी। इसके बाद खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों खुशी की जमानत मंजूर की ली थी। इसके बाद बचाव पक्ष ने आदेश की प्रति अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-13 पॉक्सो की अदालत में पेश की थी।

इस पर अदालत ने ने डेढ़-डेढ़ लाख की दो जमानत दाखिल करने के आदेश दिए थे। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि अदालत के आदेश के अनुपालन में सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-13 शैलेंद्र कुमार वर्मा की अदालत के साथ ही किशोर न्याय बोर्ड में जमानत प्रपत्र दाखिल कर दिए गए हैं। इनके सत्यापन के अदालत ने आदेश दिए हैं। अब जमानतों के सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद अदालत खुशी के माती जेल से रिहाई के आदेश जारी करेगी।

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