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16 अक्तूबर – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
सुनु खगेस हरि भगति बिहाई ।
जे सुख चाहहिं आन उपाई।
ते सठ महासिंधु बिनु तरनी ।
पैरि पार चाहहिं जड. करनी ।।
( उत्तरकांड 114/2)
राम राम 🙏🙏
गरुड़ महराज को अपने कौआ बनने की कथा सुनाने के बाद काकभुसुंडि जी कहते हैं कि हे पक्षिराज ! सुनिए, जो लोग भगवान की भक्ति छोड़कर किसी दूसरे उपायों से सुख पाना चाहते हैं , वे मूर्ख व जड़ करनी वाले लोग हैं । ऐसे जड़ लोग बिना जहाज़ के तैरकर महासागर को पार करना चाहते हैं ।
हम सब सुख पाने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं , उपाय करते रहते हैं परंतु भक्ति के बिना सुख पाने का कोई अन्य उपाय कारगर नहीं है , सब ब्यर्थ है, निष्फल है। अस्तु स्थाई सुख के लिए अन्य साधन छोड केवल भक्ति करें , राम भक्ति करें । अथ ! राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ